Monday, December 5, 2011

मेरी शायरी

क्रोध जो आये तुमको तो क्रोध को पी जाना तुम .....
वाणी में अमृत घोल कर इस जिंदगी को जी जाना तुम ......
न दुःख और गम देना अपने माता और पिता को ....
क्योकि औलाद तुम्हारी भी है तुमको सताने को .....
बड़े -बूड़ों का जो लिहाज करेगा ...
वही इस जिंदगी में राज करेगा ......
जीवन कि दौड़ में भागता हुआ खुद को न पहचान पाया मैं ....
अपनी ही धुन में रहा और अपने हृदय कि धड़कन को न जान पाया मैं ......
जीवन कि दौड़ के साथ चलता हुआ खुद को न पहचान पाया मैं ....
अपनी ही धुन में रहा और अपने हृदय कि धड़कन को न जान पाया मैं ......
कुछ ऐसा कार्य कर जाओं यारों कि दुनिया भी तुमको याद करे ......
जीवन तो उस का जीवन है जो औरों का जीवन आबाद करे ......
खाली हाथ हम आये थे और खाली हाथ हम जायेगे ..
जीवन तो है दो पल का क्यों हम इसको व्यर्थ गवायेगे ......
जिंदगी जीने के मायने बदल जायेगे यारों
जो तुम खुश रहना सीख लो जितना भी दिया है ऊपरवाले ने .....
उनके कदम जहाँ जहाँ पड़े हमने नज़रें बिछा दी अपनी ...
हमको क्या पता था कि वो हमारे दिल को ही रौंद कर चले जायेगे .......
कोई नहीं आया मेरी वीरान सी जिंदगी के तहखाने में ....
ना जाने कब उस हसीन के कदम पड़ेगे मेरे दिल के पैमाने में ........
मेरे सब्र का तुम यूँ इम्तेहान ना लो .....
ऐसा ना हो कि हम भी गुनाहगार बन जाये .....
मेरे सब्र का तुम यूँ इम्तेहान ना लो .....
ऐसा ना हो कि हम भी गुनाहों के देवता बन जाये .....
मेरे सब्र का ना तुम यूँ इम्तेहान लो .....
ऐसा ना हो कि हम भी गुनाहगार बन जाये .....
फेसबुक कि दुनिया भी बहुत निराली है .....
भावनाओं को व्यक्त करने की इसने दी बीमारी है .....
बहुत समझाया इस दिल को ये समझता ही नहीं .....
तेर सिवा किसी और हसीन का ये गुलाम बनता ही नहीं .....
तेरे चेहरे को देखने के बाद मैं तेरे ख्वाबों में खो चूका हूँ ....
रहता हूँ तेरी ही धुन में और मस्ती में सो चूका हूँ .....
उसके जाने के बाद दिल कुछ इस कदर टूटा है यारों .....
कि फेविकोल के मजबूत जोड़ से भी जुड़ता ही नहीं है ......

हाहाहा
सुबह हो या शाम क्यूँ याद तुम्हारी आती है......
ना काम में लगता है दिल न ही रातों को मुझे नींद आती है.....
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

मेरी शायरी

दिल तो अभी बच्चा है इसको बच्चा ही रहने दो ....
क्योकि दूर रहना चाहता हूँ मैं दुनिया के झमेलों से .....
कहते है इश्क इंसान कि जरूरत होती है ....
हमे तो इश्क हो गया है फेसबुक के दोस्तों से .......
मेरा दिल भी आवारा हो गया है आजकल .....
भटकता रहता है एक दिलबर कि तलाश में .......
तुम्हारे क़दमों को चूमती है तुम्हारी मजिलें ....
और हम तुम्हारे क़दमों के निशान देखने को तरसते रहे .........
एक दिन तो अलविदा कह जाना है सबको इस दुनिया के मायाजाल से ....
फिर भी हम आज़ाद नहीं हो पाते है दुनिया के फैले हुए भ्रमजाल से .......
बीवी कि गुलामी करने को हम तो तैयार है ......
और हँसते हुए अपना बैंड बजवाने को हम तैयार है ......

हाहाहा .....
तुम्हारे क़दमों को चूमती है तुम्हारी मजिलें ....
और हम तुम्हारे क़दमों के निशान को न पा सके ........
सपनो कि दुनिया मैं आ गया हूँ मैं ..
हकीकत के आईने से बाहर आ गया हूँ मैं .....
कभी कभी बन जाते है अजनबियों से कुछ ऐसे रिश्ते ....
अपने दे जाय दगा तो क्या खुदा भेज देता है अजनबी फरिश्ते ......
 
 
 
 
 
 
 
 
 

मेरी शायरी

फासले पे रखो अपना विश्वास क्योकि किसी से टकराने पर हादसों से जिंदगी घिर जाती है .
कहते है दूरी होने पर ही किसी इंसान कि असलियत समझ में आती है .......
मेरे जेहन में तो हमेशा ही उनका ख्याल आया .....
छोड गए वो हमको तनहा बस यही एक अकाल आया .......
अब तो रूह में बस चुकी है तन्हाई इस कदर .....
जैसे बरसों से रूह को तलाश थी इसकी दर-बदर ....
तन्हाई का दौर कुछ ऐसा चला है आजकल .....
कि यादें भी कर जाती है हमे तनहा आजकल .......
बात ये सच है कि सब के हिस्से में सब कुछ नहीं आता ....
खुशनसीब हूँ मैं मेरे हिस्से में तेरी यादों का कारवां आया .....
मुझको तडपता देखकर खुश तो बहुत होती है वो ......
कोई गैर नहीं है वो मेरी अपनी ही तन्हाई है वो .........
जब भी रात नज़दीक आती है मेरे दिलबर कि याद भी साथ लाती है ......
तन्हाई कि चादर उड़ा के मुझको नींद के आगोश में ले जाती है .......
जब भी रात नज़दीक आती है मेरे दिलबर कि याद भी साथ लाती है ......
तनहाइयों कि चादर उड़ा के मुझको नींद के आगोश में ले जाती है .......
जब भी रात नज़दीक आती है मेरे दिलबर कि याद भी साथ लाती है ......
तनहाइयों कि चादर उड़ा के मुझको नींद के आगोश में कर जाती है .......
हमे बस एक ख्याल है उनका जेहन में बस एक सवाल है उनका ...
कटती नहीं रातें अब करवटें बदलते बस एक इन्तेज़ार है उनका.......
घर से मंदिर है बहुत दूर........
चलो ऐसा करे किसी रोते हुए को हँसाया जाए........
अश्क बह कर भी कम नहीं होते दोस्त,
यह आँखे कितनी अमीर होती है....
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Friday, December 2, 2011

मेरी शायरी

एक अहसास है तेरा एक ख्वाब है तेरा ....
जिंदगी कुछ भी नहीं बस एक शब्-ए - इन्तेज़ार है तेरा ....
सुबह हो या शाम क्यूँ याद तुम्हारी आती है......
ना काम में लगता है दिल न ही रातों को मुझे नींद आती है.......
चेहरे पर हंसी हमारे आती नहीं ....
उसके बिना जिंदगी हमको भाति नहीं .....
मेरी रूह को न जाने किसकी तलाश है ....
लगता है एक हमसफ़र की आस है ......
एक अहसास है तेरा एक ख्वाब है तेरा ....
जिंदगी कुछ भी नहीं बस एक इन्तेज़ार है तेरा ....
ढूँढता हूं मै दर बदर मंजर मेरे शबाब के......
चुनता हूं मै बागों से रंग नन्हें गुलाब के........

चलता हूं मै दिन भर नशे मे उस शराब के.......
सोता हूं मै रातों को आस मे एक ख्वाब के........
तुम्हारी फितरत कि आम तुम कभी बन नहीं सकते.......
हमारा उसूल कि किसी खास के दर पर हम नहीं जाते........
जब से बसा लिया मन, सांवरिया तेरी गली में .....
पी लिया अमृत मैने, तेरी बांसुरी की धुन में .......

तोड़ दिए है मैने सारे नाते, इस बैरी जग के .......
अब आ जाओ मनमोहन, मेरे मन मंदिर में......
करना है कुछ बड़ा तो कुछ हट के सोचिये ........
क्या कहेगा कोई हमें , बस यह न सोचिये........
न तुम ही तुम हो दुनिया में,
न हम ही हम हैं इस दुनिया में
हमीं हैं इसलिए तुम हो
हो तुम भी इसलिए हम हैं
नई बहू से इतनी तबदीली आई......
भाई का भाई से रिश्ता टूट गया.....
औरत को प्यार और सम्मान देकर देखिये ...
खुद बा खुद समझ जायेगे कि देवी किसे कहते है .......
सबका मालिक एक है ....
पायेगा वो उसको जिसकी नीयत नेक है .....
कांटे रिश्तों को कभी आजमाते नहीं ....
ये फूलों की तरह कभी मुरझाते नहीं ......
बहुत तेज जिंदगी में जब वक्त मिले तो सोचिये ....
की हम भागते तो रहे पर पाया क्या हमने .......
तेरी आँखों को जब देखा ,कमल कहने को जी चाहा ......
मैं शायर तो नहीं लेकिन गज़ल कहने को जी चाहा ......
कोई कहता है दीवाना मुझको कोई कहता पागल है ....
किसी को क्या पता की मेरी रूह तेरे इश्क में घायल है ........
जिंदगी को सँवारने के लिए आ जाओं मेरे हमदम ....
तेरे आने से अपनी मंजिल को पा ही लेगे मेरे कदम ......
कोई कहता है दीवाना मुझको कोई कहता पागल है ....
किसी को क्या पता की मेरी रूह इश्क में घायल है ......
कोई कहता है दीवाना मुझको कोई कहता पागल है ....
सबको को क्या पता की मेरी रूह इश्क में घायल है ......
रात ढल रही है और चाँद है तनहा ....
चाँद भी गुफ्तुगू कर ले सितारों से......
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Monday, November 28, 2011

मेरी शायरी

न जाने ये कैसी ख़ामोशी छाई है ....
इस बार बहुत तनहा सर्दी आई है ......
दिन भर जी लगा के काम किया ....
और रात भर जम के आराम किया .....
ठिठुरती रात में करवटें बदल रहा हूँ ....
मैं तेरे इश्क में यूँ तनहा जल रहा हूँ ......
चांदनी रात में जब भी एक सवाल आया ....
मेरे जेहन में बस एक तेरा ख्याल आया ....
वो तो एक हसीं अप्सरा थी जो आकर चली गयी ....
भूल जाना ही बेहतर है उसको वो अपनी राह पर चली गयी ......
सारा पानी होठों से छूकर गुलाबी कर गया ....
वो नदी की मछलियों को भी शराबी कर गया ......
उसकी झील सी गहरी आँखों में डूबता चला गया .....

उसकी रेशमी जुल्फों कि घटाओं में बहता चला गया .....
उसके गुलाबी होठों कि लाली में खोता चला गया .......
सबको मालूम है मेरा दिल इश्क का बीमार है ....
फिर भी करता नहीं कोई मेरे दिल का उपचार है .....
मुझे रात दिन अब तेरा इन्तेज़ार है .....
ये दिल मेरा अब तेरा तलबगार है .......
अब तो उम्र भ बीत जाये तो कोई गम नहीं ....
अब तो खुदा भी रूठ जाये तो कोई गम नहीं .....

उसकी मोहब्बत का कुछ ऐसा नशा है यारों ....
अब तो क़यामत भी आ जाये तो कोई गम नहीं ......
संसार को सुधारेगे औरों के पोल उतारेगे ......
पर हम नहीं सुधेरेगे कभी हम नहीं सुधरेगे .......
मुझसे चाहे कोई प्यार करे या न करे....
खुद से प्यार करना सीख चूका हूँ मैं ......
मुझको तो बड़ी अज़ीज़ है ये शायरी ......
खुदा का दिया हुआ सबसे हसीं तोहफा है शायरी ......
तेरे जाने के बाद जिंदगी में एक कसक सी रह गयी .....
जैसे चंद रेजगारी के सिक्कों कि खनक सी रह गयी .......
मेरे दिल के टुकड़े हज़ार कर के देख लो ....
तेरा ही अक्स निकलेगा हर टुकड़े से .......
फेसबुक कि खुमारी कुछ ऐसी चडी है .......
कि मेरे पीछे मम्मी छड़ी लेकर खड़ी है ........
मोहब्बत कि गुजारिश हो रही है ....
तुम्हे पाने कि आजमाइश हो रही है .......
सुबह से आँख में नमी सी है ....
जैसे जिंदगी में किसी कि कमी सी है ......
औरत ही स्वर्ग का द्वार है .......
औरत के पैरों में सारा संसार है ......
जीवन में नहीं है कोई मेरे तरक्की ....
क्योकि जीवन में नहीं है कोई मेरे लड़की ........
तू कहेगी तो तेरे क़दमों में मैं झुक जाऊँगा ....
और अपने दिल कि रानी तुझे बनाऊंगा......
तू कहेगी तो तेरे क़दमों में मैं झुक जाऊँगा ....
लेकिन एक दिन अपने दिल कि दीवानी तुझे बनाऊंगा
मेरी सोच कब कहाँ और किस ओर जायेगी .....
एक न एक दिन वो अपना पता जरूर पाएगी ......
मेरी सोच कब कहाँ और किस कि ओर जायेगी .....
एक न एक दिन वो अपना पता जरूर पाएगी ......
मुझसे हिसाब कोई क्या लेगा ....
जो कुछ भी लेगा वो खुदा लेगा ......
 
अपने होठों से चूम लो गर तुम गुलाब को .......
कांटे भी तरसेगे तेरे हुस्न -ए- शबाब को ........
अपने होठों से चूम लो गर तुम गुलाब को .......
कांटे भी तरसेगे तुम्हारे हुस्न के शबाब को ........
खुद कि पहचान को देखो रूह के आईने में आशीष ......
दुनिया कि नज़रों में तुम्हारी पहचान कुछ भी नहीं .......
खुद कि पहचान को देखो रूह के आईने में ......
दुनिया कि नज़रों में तुम्हारी पहचान कुछ भी नहीं ........
एक सवाल के कई जवाब देता है वो ....
न जाने कितने लोगो को दगा देता है वो .......
एक सवाल के दस जवाब देता है वो ....
न जाने कितने लोगो को दगा देता है वो .......
यूँही एक ख्याल आया और मन में एक सवाल आया उनका ....
न जाने क्यों मेरे इस दिल में .इश्क का अकाल आया उनका .....
मुझको नहीं थी खबर कि इन्तेज़ार में है कोई और मेरे
मैं तो तन्हाई को अपना दोस्त समझ बैठा था .......
यूँ तो जिंदगी में रोज लोग आते है जाते है .....
पर आप जैसे दोस्त बहुत कम ही मिल पाते है ........
आपके इश्क ने क्या कमाल कर दिया .....
मेरे तनहा दिल को मालामाल कर दिया ......
तुमसे नज़र मिलने के बाद नज़ारे हम क्या देखे .....
तुमसे मोहब्बत करने के बाद चाँद सितारे हम क्या देखे ....

तुमने पिला दिया है अपने होठों से वो जाम साकी ...
कि इस नशे के बाद दूसरा जाम हम क्या देखे ......
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Friday, November 25, 2011

मेरी शायरी

तुमसे नज़र मिलने के बाद नज़ारे हम क्या देखे .....
तुमसे मोहब्बत करने के बाद चाँद सितारे हम क्या देखे ....

तुमने पिला दिया है अपने होठों से वो जाम साकी ...
कि इस नशे के बाद दूसरा जाम हम क्या देखे .......
आज एक जान-ए -बहार की कमी सी लगती है मुझको .......
उसके ना होने से महफ़िल नागवार सी लगती है मुझको ....

उसको देखने के बाद ही कुछ सुरूर आएगा इस दिल को .
नहीं तो ये जिंदगी एक खाली किताब सी लगती है मुझको
कभी पड़ना हो मेरे जीवन की किताब को करीब से ....
आ जाना मेरे पास क्योकि हम मिलेगे बड़े नसीब से....
नेताओं से इतना कहना चाहूगा ....
साथ में गुज़ार के देखो एक आम आदमी की जिंदगी ....
कैसे अपना पेट काट काट के वो अपनी जिंदगी बसर करता है .....
गरीब की आहों की गूँज तो दबा दी जाती है यारों ...
देखो चांटे की गूँज पहुच जाती है आलाकमानो तक ......
एक दिन वो क्रांति आएगी हिंद की ज़मीन में .....
भ्रष्ट नेताओ तुमको नहीं मिलेगा दफ़न इस ज़मीन में ......
आज की रात फिर से तनहा कर गयी हमको .....
और ख्वाबों की सौगात देकर अपने से जुदा कर गयी हमको.......
फेसबुक के लिए दो शब्द .....
तेरे लोगिन में ऐसा जादू है .....जाना होता है और कही ...
पोस्ट करने तेरी ओर खीचा चला आता हूँ ....
फेसबुक ने हमको निकम्मा कर दिया आशीष .....
नहीं तो आदमी हम बहुत काम के थे ......
तुझे देखे जमाना हो गया .....
मस्ताने से तेरा दीवाना हो गया .....
पल-पल तेरी याद में ....
दर-दर भटकने वाला बेगाना हो गया .......
खुश है जमाना तेरे दीदार से, क्यूँ तू छिपा रही है अपने हुश्न को.......
दुआयें देंगे तुझको, ज़माने कि नज़रों से गुजरने दे, अपने हुश्न को.......
कुछ भी हो जाये अपने अंदर अहंकार की भावना कभी ना लाना ....
दूसरों से हो जाये गलतियाँ तो प्रतिकार की भावना कभी ना लाना .....
तुझे देखने के बाद तो अब क़यामत से भी डर नहीं लगता....
मेरी रूह को तो अब मौत की ईमारत से भी डर नहीं लगता ......
गुजरी हुई यादों को अब मैं भुला चूका हूँ ..
सीने के किसी हिस्से में यादों को दफना चूका हूँ .....
अजनबी ही फरिश्ता बनके आ जाते है ....
अपने तो बस वादा करके मुकर जाते है .......
गाडी के कार्बोरेटर, तुझे हुआ क्या है.....
आखिर इस धकाधक धुएं की वजह क्या है.......
ख्यालों के रंगों से रंगी तस्वीर तेरी ......
बेकरारी से मिलन का इंतजार बाकी है .......
मिली तस्वीर इक दिन बाप की जो उस के बेटे को......
तो बोला ’आप भी डैडी कभी क्या खूब लगते थे........
जिसकी एक झलक पाने को बेताब रहती है दुनिया सारी ....
ऐसी सुंदर छवि है मेरे बांके बिहारी लाल की ....

बोलो बांके बिहारी लाल की जय ....जय जय श्री राधे
ये इश्क भी बड़ी धोखे की चीज़ है यारो ....
उससे ही होता है जिसे पाना मुमकिन नहीं .....
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

मेरी शायरी

जीवन में नहीं है कोई मेरे तरक्की ....
क्योकि जीवन में नहीं है कोई मेरे लड़की ........
तू कहेगी तो तेरे क़दमों में मैं झुक जाऊँगा ....
और अपने दिल कि रानी तुझे बनाऊंगा......
तू कहेगी तो तेरे क़दमों में मैं झुक जाऊँगा ....
लेकिन एक दिन अपने दिल कि दीवानी तुझे बनाऊंगा
मेरी सोच कब कहाँ और किस ओर जायेगी .....
एक न एक दिन वो अपना पता जरूर पाएगी ......
मेरी सोच कब कहाँ और किस कि ओर जायेगी .....
एक न एक दिन वो अपना पता जरूर पाएगी ......
मुझसे हिसाब कोई क्या लेगा ....
जो कुछ भी लेगा वो खुदा लेगा ......
हर सवाल का जवाब नहीं होता.....
औए मेरे दिल का हिसाब नहीं होता .......
अपने होठों से चूम लो गर तुम गुलाब को .......
कांटे भी तरसेगे तेरे हुस्न -ए- शबाब को ........
अपने होठों से चूम लो गर तुम गुलाब को .......
कांटे भी तरसेगे तुम्हारे हुस्न के शबाब को ........
खुद कि पहचान को देखो रूह के आईने में आशीष ......
दुनिया कि नज़रों में तुम्हारी पहचान कुछ भी नहीं ........
खुद कि पहचान को देखो रूह के आईने में ......
दुनिया कि नज़रों में तुम्हारी पहचान कुछ भी नहीं .......
एक सवाल के कई जवाब देता है वो ....
न जाने कितने लोगो को दगा देता है वो .......
एक सवाल के दस जवाब देता है वो ....
न जाने कितने लोगो को दगा देता है वो .......
मुझको नहीं थी खबर कि इन्तेज़ार में है कोई और मेरे
मैं तो तन्हाई को अपना दोस्त समझ बैठा था .......
यूँ तो जिंदगी में रोज लोग आते है जाते है .....
पर आप जैसे दोस्त बहुत कम ही मिल पाते है ........
आपके इश्क ने क्या कमाल कर दिया .....
मेरे तनहा दिल को मालामाल कर दिया ......