Tuesday, November 22, 2011

मेरी शायरी

ये इश्क भी बड़ी धोखे की चीज़ है यारो ....
उससे ही होता है जिसे पाना मुमकिन नहीं .....
दोस्तों ....एक संवाद अभी अभी बनाया है ....

ये अच्छा नहीं किया तुने ओ ज़ालिम मेरे दिल को ठोकर मार के ....
एक बार प्यार से कहती तो अपने दिल को बिछा देता तुम्हारे क़दमों के नीचे
कुछ लोग सिगरेट पीके और शराब पीके बिताते है जिंदगी .....
.क्या बुरा है जो हम फेसबुक के दोस्तों साथ बिताते है जिंदगी ......
माना कि इंसान ने वक्त लूटा दिया दौलत को जोड़ने में ....
कभी सोचा है इंसान ने कि दौलत तो खेल रही थी उसके अरमानो से ......
हम इंसान खुद को क्या ख़ाक कारीगर समझते है ....
पूछना है तो खुदा से पूछो कि कारीगरी किसे कहते है .......
तकदीर की खता नहीं , ये तेरी मोहब्बत का जूनून है.....
जो भीड़ में भी तनहाइयों का आलम कर गया .....
इस पाक और बेबस दिल पर ग़मों की गहरी चोट कर गया.....
कितना अकेला हूँ अब मैं क्या बताऊँ दोस्तों ....
भीड़ में भी तन्हाई मेरे साथ चलती है .........
 
 
 
 
 
 
 

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