Sunday, November 13, 2011

मेरी शायरी


दिल में तेरी चाहत को लिए जाने कहाँ अटक जाता हूँ
नादान हूँ अपनी मोहब्बत कि गलियों में भटक जाता हूँ
उनके दीदार की आरजू में हम तड़फते रहे
आज अपना रोता हुआ दामन लेकर सुबकते रहे
आज मुद्दतों बाद कोई याद आ गया ...
और आँखों से अश्कों का सैलाब आ गया ......
तुम्हारी चाहत को हमने अपने दिल में बसा रखा है ....
और जानम हमारे दिल को तुमने छुपा के रखा है.....

खो जाओं न तुम कहीं इस दुनिया कि भीड़ में
इसलिए दिल कि हर धडकन में तुमको बसा रखा है
Wife ke aate hi meri life badal gayi .....
meri life ki har choice badal gayi

subah se lekar raat tak aisa usne toka
ki bhaiya humko lagta aisa ki life ne kar diya humse dhoka
लोग कहते है कि तुम दिल से क्यों सोचते हो ....
हमने कहा यारों फिर तुम दिल पे क्यों लेते हो ........

फेसबुक कि दुनिया भी अजीब है ....
दोस्तों को बनाती दिल के करीब है ....

मैं ने देखा सोते हुए एक महकता हुआ सा ख्वाब .....
नींद से जागा तो देखा हाथ में था मेरे सुर्ख गुलाब .....
 
एक दिलबर कि तलाश में मैं घर छोड आया ....
जाने कितनी हसीनाओं के मैं दिल तोड़ आया .....
 
 

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